bawasir me jalan ka ilaj

बवासीर की दर्द और जलन से तुरंत राहत कैसे पाएं?

बवासीर में दर्द क्यों होता है?


बवासीर (Piles) में दर्द का मुख्य कारण गुदा (Anus) के अंदर या बाहर सूजनयुक्त नसों (Swollen veins) का होना है। ये नसें जब सूज जाती हैं या उन पर दबाव पड़ता है, तो उनमें जलन, खिंचाव और दर्द महसूस होता है। चलिए, इसे थोड़ी और गहराई से समझते हैं:


बवासीर में दर्द होने के प्रमुख कारण:

1. गुच्छेदार नसों में सूजन (Inflamed Hemorrhoidal Veins):

बवासीर में नसें फूली हुई होती हैं, और जब उन पर मल त्याग के दौरान दबाव पड़ता है, तो तीव्र दर्द होता है।

2. कठोर या सूखा मल (Hard Stools):

कब्ज के कारण जब मल सख्त होता है, तो उसे निकालते समय गुदा की दीवारों पर घर्षण होता है, जिससे दर्द और कटाव हो सकता है।

3. थ्रोंबोस्ड पाइल्स (Thrombosed Hemorrhoids):

जब बवासीर में रक्त का थक्का (blood clot) बन जाता है, तो यह स्थिति बेहद दर्दनाक हो जाती है। इसे थ्रोंबोस्ड पाइल्स कहा जाता है।

4. बाहरी बवासीर (External Hemorrhoids):

ये त्वचा के नीचे होते हैं और चलने, बैठने या मल त्यागने पर दर्द महसूस कराते हैं, खासकर अगर ये फट जाएं या उनमें खून जम जाए।

5. जलन और खुजली:

सूजन के कारण आसपास की त्वचा में जलन और खुजली हो सकती है, जिससे मरीज बार-बार उस स्थान को छूता है, जिससे दर्द और बढ़ सकता है।


अगर दर्द लगातार बना रहता है या बहुत ज्यादा हो रहा है, तो यह किसी जटिल बवासीर (Complicated Piles) की ओर इशारा कर सकता है। ऐसे में चिकित्सकीय परामर्श जरूरी हो जाता है।



बवासीर में जलन के मुख्य कारण


  • सूजी हुई नसें (Inflamed Veins): बवासीर की नसों में सूजन से जलन होती है।

  • कठोर या सूखा मल (Hard Stool): घर्षण से गुदा में कटाव और जलन हो सकती है।

  • साफ-सफाई की कमी: गुदा क्षेत्र में गंदगी या नमी जलन बढ़ा सकती है।

  • मसालेदार खाना: तीखा भोजन बवासीर की जलन को और बढ़ा सकता है।

  • लगातार खुजली: स्किन को बार-बार छूने या रगड़ने से जलन हो सकती है।



 

बवासीर की जलन कैसे खत्म होगा

 

 

बवासीर में तुरंत राहत पाने के घरेलू उपाय


  • गुनगुना सिट्ज़ बाथ: गर्म पानी में बैठें – सूजन और जलन में राहत।

  • बर्फ की सिकाई: ठंडक से सूजन और दर्द कम होता है।

  • एलोवेरा जेल: ठंडक और सूजन घटाने के लिए।

  • नारियल तेल: जलन और खुजली से तुरंत राहत।

  • फाइबर युक्त आहार: कब्ज से बचाव, मल नरम रहता है।



आयुर्वेदिक इलाज से बवासीर के दर्द और जलन में राहत


आयुर्वेद में बवासीर को "अर्श" कहा गया है, और इसके लिए कई प्राकृतिक और प्रभावशाली उपाय बताए गए हैं जो दर्द और जलन को शांत करने में मदद करते हैं।


प्रमुख आयुर्वेदिक इलाज:

1. त्रिफला चूर्ण:

रात को गर्म पानी के साथ लेने से कब्ज दूर होती है और मल नरम रहता है।

2. अरशकल्प वटी / काली सुरन वटी:

ये आयुर्वेदिक गोलियाँ सूजन, दर्द और रक्तस्राव में लाभकारी होती हैं।

3. नागकेशर और हरितकी:

खून आना बंद करने और जलन में राहत के लिए प्रसिद्ध हैं।

4. अरंडी का तेल (Castor Oil):

आंतरिक रूप से लेने या प्रभावित भाग पर लगाने से सूजन में आराम मिलता है।

5. सुरन (Yam) का सेवन:

पाचन सुधारता है और बवासीर की स्थिति में विशेष लाभ देता है।

6. अर्शोघ्न तेल / हेमारायड्स आयुर्वेदिक क्रीम्स:

बाहरी रूप से लगाने से जलन और दर्द में राहत मिलती है।



बवासीर में राहत के लिए खानपान और जीवनशैली में बदलाव


  • फाइबर युक्त आहार लें: फल, हरी सब्जियाँ, साबुत अनाज – कब्ज नहीं होगी।

  • ज्यादा पानी पिएं: दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी।

  • मसालेदार और तले-भुने खाने से बचें।

  • लंबे समय तक बैठने से बचें: हर घंटे थोड़ा चलें-फिरें।

  • नियमित व्यायाम करें: योग और हल्की वॉक पाचन सुधारते हैं।

  • मल त्याग में देर न करें: टालने से बवासीर और बढ़ती है।



बवासीर में डॉक्टर से कब मिलना ज़रूरी है?


  • खून लगातार आ रहा हो।

  • तेज दर्द या सूजन बढ़ती जा रही हो।

  • घरेलू उपायों और दवाओं से राहत न मिल रही हो।

  • मल त्याग में बहुत कठिनाई हो रही हो।

  • गुदा क्षेत्र में गांठ सख्त या दर्दनाक हो गई हो।

यदि लक्षण 7-10 दिन से ज़्यादा समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से परामर्श ज़रूरी है।



श्री च्यवन की आयुर्वेदिक चिकित्सा:

 

श्री च्यवन आयुर्वेद ने बवासीर के लिए एक आयुर्वेदिक दवा - पाइल्स केयर किट तैयार की है। बवासीर के लिए हमारी आयुर्वेदिक दवा आपको बवासीर से पूरी तरह राहत दिलाने में मदद करती है।

 

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पाइल्स केयर किट: पाइल्स का मुख्य कारण कब्ज है। चलने-फिरने में कठिनाई के कारण पाइल्स होता है। तो, पाइल्स से पूरी तरह छुटकारा पाने के लिए, घर लाएँ या श्री च्यवन आयुर्वेद की पाइल्स केयर किट ऑर्डर करें, इसमें शामिल हैं:

1. पाइल हरी वटी: यह सूजन को ठीक करने और दर्द और परेशानी को शांत करने में मदद करती है। इसमें रेचक गुण भी होते हैं जो पेरिस्टाल्टिक गतिविधियों को प्रेरित करते हैं, जिससे आंतों को खाली करने की प्रक्रिया दर्द रहित हो जाती है।


सामाग्री: इसमें शामिल हैं- अंबाहलादर, कालीजिरी, रसोत, काली मिर्च, हर, मेथातिस, कहरवापिस्ती, मोतीपिस्ती, आंवला, मेथी, वरियाली, बोलबद्रस, कहरवापिस्ती।


कैसे उपयोग करें: प्रतिदिन सुबह और शाम क्रमशः नाश्ते और नाश्ते के बाद एक गोली।

 

2. कब्ज हरी चूर्ण: यह गैस, कब्ज और पेट दर्द जैसी पेट संबंधी कई समस्याओं में मदद करता है।


सामाग्री: इसमें हरड़े, सोंठ, मुलेठी, बहेड़ा, हींग, वरियाली, अमलतास, काला नमक, ब्लैकपाइपर, आंवला शामिल हैं।

 

कैसे उपयोग करें: इस मथने की 1-2 ग्राम मात्रा को आधे कप पानी में मिलाएं, रोजाना सोने से पहले इसका सेवन करें।

 

3. निकुंज अमृत धार: यह गुदा या मलाशय क्षेत्र के पास जलन या खुजली को शांत करने में मदद करता है।

 

सामाग्री: इसमें सत अजवाइन, सत पुदीना, कपूर, आवश्यक तेल और लौंग का तेल शामिल है।


कैसे इस्तेमाल करें: कॉटन बॉल पर 4-5 बूंदें लें और प्रभावित जगह पर दिन में दो बार लगाएं।

 

4. लिवर केयर सिरप: श्री च्यवन आयुर्वेद का लिवर केयर सिरप आपके लिवर को साफ करने और पाचन प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए तैयार किया गया है। यह लीवर की समग्र कार्यप्रणाली को मजबूत करने में भी मदद करता है।


सामाग्री: इसमें चित्रकमूल, आंवला, हरड़े, बहेड़ा, बेल पत्र, धना, एलोवेरा, अजवाइन, पुनर्नवा, गिलोय सत्व, नीम चल, तुलसी शामिल हैं। 


कैसे उपयोग करें: 1-2 चम्मच लिवर केयर प्लस सिरप का दिन में तीन बार या अपने चिकित्सक द्वारा बताए अनुसार सेवन करें।


उत्पाद लाभ:


पाचन में सुधार: श्री च्यवन आयुर्वेद की पाइल्स केयर किट प्रभावी रूप से पाचन तंत्र से संबंधित आपकी समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है और पाचन प्रक्रिया को सुचारू बनाती है।


कब्ज से राहत: यह प्रभावी रूप से आपको पेट की समस्याओं और कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है।

सूजन और गैसें: पाइल्स केयर किट पेट की सूजन, पाचन समस्याओं और गैसों को कम करती है और अपच को कम करती है।


शुद्ध और प्राकृतिक: पाइल्स केयर किट सभी प्राकृतिक और हर्बल सामग्रियों का उपयोग करके बनाई गई है और सुचारू पाचन प्रक्रिया सुनिश्चित करती है।

 

 

निष्कर्ष: बवासीर से राहत का सही तरीका


बवासीर में दर्द और जलन मुख्य रूप से सूजन, कठोर मल और रक्त थक्के के कारण होती है। राहत पाने के लिए:

घरेलू उपाय:

  • गुनगुना सिट्ज़ बाथ, बर्फ की सिकाई, और एलोवेरा/नारियल तेल का उपयोग।

  • फाइबर युक्त आहार और अधिक पानी पीना।

आयुर्वेदिक इलाज:

  • त्रिफला, अरंडी तेल, और अरशकल्प वटी जैसी आयुर्वेदिक औषधियाँ सूजन और दर्द को कम करती हैं।

जीवनशैली में बदलाव:

  • स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और मल त्याग को टालने से बवासीर की समस्या में राहत मिलती है।

डॉक्टर से कब मिलें?

  • अगर खून आ रहा हो, दर्द बढ़ रहा हो, या घरेलू उपायों से राहत न मिले, तो चिकित्सकीय परामर्श जरूरी है।

सही आहार, घरेलू उपचार, और चिकित्सकीय सलाह से बवासीर की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।

 

 

 

 

अगर किसी भी प्रकार का कोई सवाल हो तो हमे कॉल करे - 📞📞 95162 64444

 

 

 

Disclaimer- इस ब्लॉग में प्रस्तुत जानकारी केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है और यह चिकित्सा, स्वास्थ्य, या चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इस ब्लॉग में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल शिक्षात्मक और सूचना प्रदान करने का है और यह किसी भी विशिष्ट चिकित्सा स्थिति, निदान, या उपचार के लिए सलाह नहीं प्रदान करती है।
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