बादी बवासीर का इलाज क्या है

बादी बवासीर कैसी होती है? | बादी बवासीर कैसे ठीक करें?

बादी बवासीर क्या होती है?


बादी बवासीर, जिसे आम बोलचाल में सूखी बवासीर भी कहा जाता है, पाइल्स (Piles) का एक प्रकार है जिसमें गुदा (Anus) के आसपास सूजनयुक्त मांसल गांठें बन जाती हैं, लेकिन उनसे खून नहीं निकलता। इसे "बादी" इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह वात दोष (गैस, सूखापन और तनाव) के असंतुलन से जुड़ी होती है, जो शरीर में सूजन और दर्द पैदा करता है।



बादी बवासीर के लक्षण


  • मल त्याग में दर्द और जलन

  • गुदा के पास सूजन या गांठें

  • खून नहीं आता

  • कब्ज और गैस की समस्या

  • बैठने में असहजता या भारीपन



बादी और रक्त बवासीर में अंतर


  • बादी बवासीर: सूजन और दर्द होता है, लेकिन रक्तस्राव नहीं होता

  • रक्त बवासीर: गांठों से खून आता है, साथ में जलन और दर्द भी हो सकता है।

  • बादी बवासीर में वात दोष अधिक होता है, जबकि रक्त बवासीर में पित्त और रक्त दोष बढ़ा होता है।



बादी बवासीर होने के प्रमुख कारण:


1. कब्ज की समस्या मल कठोर होने से जोर लगाना पड़ता है

2. अनियमित और गरिष्ठ आहारजैसे तली-भुनी और मसालेदार चीज़ें

3. कम पानी पीनाशरीर में सूखापन और वात वृद्धि होती है

4. लंबे समय तक बैठना या खड़े रहना

5. शारीरिक गतिविधि की कमी

6. तनाव और मानसिक दबाव जिससे पाचन पर असर पड़ता है

7. वात दोष की वृद्धि आयुर्वेद के अनुसार मुख्य कारण



बादी बवासीर को कैसे पहचानें? :

 

  • मल त्याग के समय तेज दर्द या जलन

  • गुदा के पास सूजन या मांसल गांठें

  • रक्तस्राव नहीं होता (खूनी बवासीर से फर्क)

  • कब्ज और गैस की लगातार शिकायत

  • बैठने या चलने में असहजता महसूस होना

  • गुदा क्षेत्र में खुजली या भारीपन

अगर ये लक्षण लंबे समय तक रहें तो उचित इलाज के लिए डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।



बादी बवासीर कैसी होती है

 

बादी बवासीर के घरेलू इलाज:


1. गुनगुने पानी से Sitz Bath लें दिन में 10–15 मिनट तक बैठें, सूजन और दर्द में राहत मिलती है।

2. त्रिफला चूर्ण का सेवनरात में गर्म पानी के साथ लें, कब्ज दूर करता है।

3. फाइबर युक्त आहार लें जैसे फल, हरी सब्जियां, दलिया आदि, जिससे मल साफ़ और मुलायम रहे।

4. एलोवेरा जेल गुदा क्षेत्र पर लगाने से जलन और सूजन में राहत मिलती है।

5. नारियल तेल या अरंडी का तेल बाहरी गांठों पर लगाने से सूजन कम होती है।

6. अंजीर (सूखे) भिगोकर खाएं सुबह खाली पेट सेवन करें, पाचन में मदद करता है।

7. हल्दी और सरसों का तेल मिलाकर लगाएंयह मिश्रण एंटीसेप्टिक होता है और सूजन कम करता है।

8. अधिक पानी पिएं दिनभर में 8–10 गिलास पानी ज़रूर पिएं।

अगर लक्षण बने रहें तो आयुर्वेदिक या एलोपैथिक चिकित्सक से परामर्श लें।



बादी बवासीर के लिए आयुर्वेदिक उपचार और जड़ी-बूटियाँ:


1. त्रिफला चूर्णकब्ज को दूर करने और पाचन सुधारने में मदद करता है।

2. आंवलापाचन तंत्र को मजबूत करता है और सूजन कम करता है।

3. भृंगराजसूजन और रक्तसंचार में सुधार करता है।

4. गिलोयपाचन और सूजन कम करने में सहायक।

5. पारिजातरक्तस्राव को नियंत्रित करता है।

6. अरंडी का तेल सूजन और दर्द कम करने के लिए उपयोगी।

7. नागकेसर सूजन और दर्द को कम करता है।

8. तुलसी के पत्तेआंतों की समस्याएँ और सूजन कम करता है।

9. सौंफ (चिउड़ियां)गैस और कब्ज को दूर करता है।

इन जड़ी-बूटियों का उपयोग डॉक्टर की सलाह पर करें।



बादी बवासीर के लिए खान-पान और जीवनशैली में बदलाव:


  • फाइबरयुक्त आहार हरी सब्जियाँ, फल और साबुत अनाज खाएं।

  • पर्याप्त पानीरोजाना 8-10 गिलास पानी पिएं।

  • मसालेदार भोजन से बचेंतला हुआ और तीखा भोजन कम करें।

  • व्यायामहल्का व्यायाम जैसे योगा और पैदल चलना करें।

  • अलसी जीवनशैली से बचें लंबी अवधि तक बैठे रहने से बचें।

  • नियमित भोजन समयसमय पर भोजन करें और छोटे भोजन खाएं।

  • तनाव कम करेंध्यान और योग से मानसिक शांति बनाए रखें।



बादी बवासीर में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं:


क्या खाना चाहिए:

  • फाइबरयुक्त आहारहरी सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज, और दालें।

  • पानी8-10 गिलास पानी पिएं।

  • सूखे मेवे और मखानाजैसे बादाम, अखरोट।

  • गुनगुना पानी और अदरककब्ज से राहत के लिए।

क्या नहीं खाना चाहिए:

  • मसालेदार और तला हुआ भोजनतीखा और तला हुआ भोजन।

  • सफेद चावल और मैदासफेद चावल, मैदा से बने उत्पाद।

  • अधिक मीठा बेकरी उत्पाद और शुगर सॉस।

  • गैस पैदा करने वाली सब्जियाँबीन्स, गोभी।

  • कैफीन और शराब चाय, कॉफी, और शराब से बचें।



बादी बवासीर में डॉक्टर से कब संपर्क करें:


1. रक्तस्रावअगर बवासीर से खून निकल रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

2. दर्द में वृद्धि अगर दर्द बढ़ जाए या असहनीय हो, तो डॉक्टर की सलाह लें।

3. मल में बदलाव अगर मल में गाढ़ापन, काला रंग या खून दिखे।

4. लक्षणों में सुधार न होना घरेलू उपचार या दवाओं से लक्षणों में सुधार न हो, तो डॉक्टर से मिलें।

5. सूजन और गांठेंअगर बवासीर की सूजन या गांठें बढ़ जाएं और वे बाहर निकलने लगें।

6. पेट में अत्यधिक दबाव या दर्दपेट में अधिक दबाव, गैस या ऐंठन महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

नोट: यदि आपको बवासीर के गंभीर लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।



श्री च्यवन की आयुर्वेदिक चिकित्सा:

 

श्री च्यवन आयुर्वेद ने बवासीर के लिए एक आयुर्वेदिक दवा - पाइल्स केयर किट तैयार की है। बवासीर के लिए हमारी आयुर्वेदिक दवा आपको बवासीर से पूरी तरह राहत दिलाने में मदद करती है।

 

बादी बवासीर कैसे ठीक करें


पाइल्स केयर किट: पाइल्स का मुख्य कारण कब्ज है। चलने-फिरने में कठिनाई के कारण पाइल्स होता है। तो, पाइल्स से पूरी तरह छुटकारा पाने के लिए, घर लाएँ या श्री च्यवन आयुर्वेद की पाइल्स केयर किट ऑर्डर करें, इसमें शामिल हैं:

1. पाइल हरी वटी: यह सूजन को ठीक करने और दर्द और परेशानी को शांत करने में मदद करती है। इसमें रेचक गुण भी होते हैं जो पेरिस्टाल्टिक गतिविधियों को प्रेरित करते हैं, जिससे आंतों को खाली करने की प्रक्रिया दर्द रहित हो जाती है।


सामाग्री: इसमें शामिल हैं- अंबाहलादर, कालीजिरी, रसोत, काली मिर्च, हर, मेथातिस, कहरवापिस्ती, मोतीपिस्ती, आंवला, मेथी, वरियाली, बोलबद्रस, कहरवापिस्ती।


कैसे उपयोग करें: प्रतिदिन सुबह और शाम क्रमशः नाश्ते और नाश्ते के बाद एक गोली।

 

2. कब्ज हरी चूर्ण: यह गैस, कब्ज और पेट दर्द जैसी पेट संबंधी कई समस्याओं में मदद करता है।


सामाग्री: इसमें हरड़े, सोंठ, मुलेठी, बहेड़ा, हींग, वरियाली, अमलतास, काला नमक, ब्लैकपाइपर, आंवला शामिल हैं।

 

कैसे उपयोग करें: इस मथने की 1-2 ग्राम मात्रा को आधे कप पानी में मिलाएं, रोजाना सोने से पहले इसका सेवन करें।

 

3. निकुंज अमृत धार: यह गुदा या मलाशय क्षेत्र के पास जलन या खुजली को शांत करने में मदद करता है।

 

सामाग्री: इसमें सत अजवाइन, सत पुदीना, कपूर, आवश्यक तेल और लौंग का तेल शामिल है।


कैसे इस्तेमाल करें: कॉटन बॉल पर 4-5 बूंदें लें और प्रभावित जगह पर दिन में दो बार लगाएं।

 

4. लिवर केयर सिरप: श्री च्यवन आयुर्वेद का लिवर केयर सिरप आपके लिवर को साफ करने और पाचन प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए तैयार किया गया है। यह लीवर की समग्र कार्यप्रणाली को मजबूत करने में भी मदद करता है।


सामाग्री: इसमें चित्रकमूल, आंवला, हरड़े, बहेड़ा, बेल पत्र, धना, एलोवेरा, अजवाइन, पुनर्नवा, गिलोय सत्व, नीम चल, तुलसी शामिल हैं। 


कैसे उपयोग करें: 1-2 चम्मच लिवर केयर प्लस सिरप का दिन में तीन बार या अपने चिकित्सक द्वारा बताए अनुसार सेवन करें।


उत्पाद लाभ:


पाचन में सुधार: श्री च्यवन आयुर्वेद की पाइल्स केयर किट प्रभावी रूप से पाचन तंत्र से संबंधित आपकी समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है और पाचन प्रक्रिया को सुचारू बनाती है।


कब्ज से राहत: यह प्रभावी रूप से आपको पेट की समस्याओं और कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है।

सूजन और गैसें: पाइल्स केयर किट पेट की सूजन, पाचन समस्याओं और गैसों को कम करती है और अपच को कम करती है।


शुद्ध और प्राकृतिक: पाइल्स केयर किट सभी प्राकृतिक और हर्बल सामग्रियों का उपयोग करके बनाई गई है और सुचारू पाचन प्रक्रिया सुनिश्चित करती है।

 

 

निष्कर्ष: बादी बवासीर का संपूर्ण समाधान


बादी बवासीर एक सामान्य लेकिन दर्दनाक समस्या है, जिसे समय रहते सही उपचार और ध्यान से नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लक्षणों जैसे दर्द, सूजन और खुजली को घरेलू उपायों, आयुर्वेदिक उपचार और सही आहार के माध्यम से कम किया जा सकता है। बवासीर से बचाव के लिए एक स्वस्थ जीवनशैली, फाइबरयुक्त आहार, और पर्याप्त पानी का सेवन महत्वपूर्ण है।

जब घरेलू उपायों से आराम न मिले, तो डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है, क्योंकि गंभीर लक्षणों के लिए चिकित्सा उपचार की आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा, यदि आपको खून आना, अत्यधिक दर्द या सूजन महसूस हो, तो त्वरित उपचार की आवश्यकता है।

बादी बवासीर का इलाज एक निरंतर प्रक्रिया है, जिसमें सही खानपान, नियमित व्यायाम और चिकित्सीय देखरेख की आवश्यकता होती है। यदि सावधानी और उपचार के सही तरीके अपनाए जाएं, तो इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

 

 

 

 

अगर किसी भी प्रकार का कोई सवाल हो तो हमे कॉल करे - 📞📞 95162 64444

 

 

 

Disclaimer- इस ब्लॉग में प्रस्तुत जानकारी केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है और यह चिकित्सा, स्वास्थ्य, या चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इस ब्लॉग में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल शिक्षात्मक और सूचना प्रदान करने का है और यह किसी भी विशिष्ट चिकित्सा स्थिति, निदान, या उपचार के लिए सलाह नहीं प्रदान करती है।
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